आक्रोशित जनमानस जुटेंगे उपायुक्त कार्यालय पर
बोले सरयू :-
– सरकारी तंत्र निकम्मा, हर दिन पेयजलापूर्ति में व्यवधान आम बात
– कहीं पांच मिनट पानी मिलता है तो कहीं लगातार पानी गिरता रहता है
– अपराधी हो गये हैं भयमुक्त, दिनदहाड़े चोरी-छिनतई अब हो गई आम बात
– ध्वस्त होने के कगार पर आ पहुंचा है मानगो पेयजल परियोजना
– विभाग के पास पैसे हैं पर एनएच को नहीं दिये गए 10 लाख
– सबसे खराब हालत वाटर ट्रीटमेंट प्लांट के संचालन की
जमशेदपुर : पश्चिम के विधायक सरयू राय ने कहा है कि मानगो पेयजल परियोजना की स्थिति तथा जमशेदपुर में कानून व्यवस्था की स्थिति दिन-प्रतिदिन बद से बदतर होती जा रही है। यही स्थिति साफ-सफाई एवं कचरा प्रबंधन की भी है। सरकारी तंत्र का निकम्मापन और दायित्व निर्वहन के प्रति उपेक्षा का भाव इसका कारण है। सतत प्रयास के बावजूद इनमें सुधार नहीं होने से जनमानस आक्रोशित है। जिसके विरुद्ध आज गुरुवार की सुबह 10 बजे से उपायुक्त कार्यालय पर आक्रोशपूर्ण धरना आयोजित है और स्थिति नहीं सुधरी तो आंदोलन उग्र होगा। यहां जारी एक बयान में सरयू राय ने कहा कि विगत पांच महीनों से वे और उनके सहयोगी मानगो पेयजल परियोजना में सुधार लाने के लिए प्रयासरत हैं। कई वर्षों से बंद पड़ी पृथ्वी पार्क की पानी टंकी चालू कराई गई। इंटेक वेल से लेकर वाटर ट्रीटमेंट प्लांट तथा सभी पानी की टंकियों में लगे मोटर पंपों को बदलने के लिए विभाग के सचिव तक से योजना स्वीकृत कराई गई। पेयजल स्वच्छता विभाग के सिविल एवं मैकेनिकल ब्रांच के अधीक्षण अभियंताओं का संयुक्त सर्वेक्षण हुआ। मानगो नगर निगम को निधि विमुक्त करने के लिए तैयार किया गया। जिले के उपायुक्त ने एक अधिकारी की अध्यक्षता में मानगो नगर निगम और पेयजल एवं स्वच्छता विभाग के कार्यपालक अभियंता की संयुक्त समिति पेयजल परियोजना क देख-रेख के लिए बनाई। कई इलाकों में पाइपलाइन में गैप को जोड़ा गया। वॉल्ब तक बदले गये। परंतु पेयजल आपूर्ति में सुधार नहीं हुआ। उल्टे पेयजलापूर्ति में व्यवधान उपस्थित हो रहा है। रोजाना परियोजना के किसी न किसी अंग में खराबी आ जा रही है।
उन्होंने कहा कि वे इस निष्कर्ष पर पहुंचे हैं कि विभागीय अधिकारियों में परियोजना के प्रति गंभीरता का अभाव है। पेयजल स्वच्छता विभाग और नगर निगम में तालमेल का अभाव है। खुद पेयजल स्वच्छता विभाग के सिविल और मेकेनिकल विंग में तालमेल का अभाव है। बालीगुमा क्षेत्र में पानी की टंकी चार साल से तैयार खड़ी है। इलाके में पाइपलाइन भी बिछ गई। परंतु एनएच पार करने के लिए 10 लाख रूपए एनएच विभाग के नहीं दिये जा रहे हैं। आश्चर्य यह कि पैसा विभाग के पास पड़ा हुआ है। सरयू राय ने कहा कि सबसे खराब हालत तो वाटर ट्रीटमेंट प्लांट के संचालन की है। यहीं से पानी को साफ होने के बाद टंकियों में भेजा जाता है। वाटर ट्रीटमेंट प्लांट में गाद भर गई है। इसका संचालन करने के लिए जिम्मेदार मानव बल नहीं हैं। कई वर्षों से जो जमात वहां काम कर रही है, उसका निहित स्वार्थ हो गया है। इसमें आमूलचूल बदलाव की जरूरत है। किसी क्षेत्र में 20 मिनट तो कहीं 5 मिनट के लिए जलापूर्ति होती है। कहीं लगातार पानी की आपूर्ति हो रही है। नतीजा यह कि पेयजल परियोजना के बावजूद टैंकर से पानी भेजना पड़ रहा है। ऐसी ही स्थिति वहां साफ-सफाई और ठोस कचरा प्रबंधन की भी है। आगे उन्होंने कहा कि कुल मिलाकर मानगो पेयजल परियोजना ध्वस्त होने के कगार पर है। सरकार में सर्वोच्च स्तर का हस्तक्षेप भी कारगर नहीं हो रहा है तो जन दबाव बनाना अब जरूरी हो चला है। इसलिए आज इस मुद्दे पर आक्रोशपूर्ण धरना आयोजित है।
उन्होंने कहा कि विडम्बना है कि जमशेदपुर में कानून-व्यवस्था की स्थिति भी बदतर हो गई है। संगठित अपराध की घटनाएं तो अपनी जगह हैं ही। दिनदहाड़े चोरी, छिनतई की घटनाएं भी अब आम हो चली हैं। महिलाओं का घुमना-फिरना सुरक्षित नहीं रह गया है। सार्वजनिक जगहों पर, जिनमें उपायुक्त एवं पुलिस अधीक्षक कार्यालय भी शामिल हैं, महिलाओं के साथ छिनतई आम बात हो गई है। लोगों के बीच असुरक्षा की भावना घर कर गई है। प्रशासन और पुलिस का ध्यान इस ओर खींचना और जमशेदपुर में जन सुरक्षा सुनिश्चित कराना आक्रोशपूर्ण धरना का मुख्य उद्देश्य है। उन्होंने आम जन से अपील की है कि वे धरना कार्यक्रम में शामिल होकर अपना आक्रोश व्यक्त करें। ताकि प्रशासन और पुलिस का रवैया बदला जा सके। मानगो पेयजल परियोजना को सुचारू रूप से चलाया जा सके।